Thursday, December 1, 2011

आईएएस के घर से लाखों की चोरी

आईएएस अधिकारी के पैतृक आवास में सो रहे परिजनों को एक कमरे में बंद कर चोरों ने नगदी, सोने चांदी के आभूषण चुरा लिए। चोरों की आहट पर मकान के नीचे के कमरे में सो रहे युवक के जागने पर चोर भाग गए। आईएएस अधिकारी के पैतृक आवास से चोरी की जानकारी होते ही पुलिस हरकत में आ गई। आईएएस के छोटे भाई ने चोरी की तहरीर थाने में दे दी है।
थाना कोतवाली के राजा का बाग निवासी पवन कुमार सिंह नोएडा में सीडीओ के पद पर तैनात हैं। उनके परिवार के लोग राजा का बाग में निवास करते हैं। उनके आवास में पिछले दिनों निर्माण कार्य करने के लिए मजदूरों को लगाया गया था। मंगलवार की रात पवन के परिवार के लोग घर में सो रहे थे। रात दो बजे के बाद अज्ञात चोर घर में प्रवेश कर गए। चोरों ने मकान के ऊपरी हिस्से में बने उस कमरे की कुंडी बाहर से बंद कर दी। जिसमें परिवार की महिलायें तथा पुरुष लेटे थे। चोरों ने दूसरे कमरे का ताला तोड़कर प्रवेश कर लिया।
बताते हैं कि इस कमरे में रखी एक अलमारी का चोरों ने किसी तरह ताला खोल लिया। अलमारी में रखी 40 हजार रुपये की नगदी, सोने चांदी के आभूषण चुरा लिए। परिजनों के अनुसार चोर लगभग दो लाख कीमत के आभूषण चुरा ले गए हैं। इसी बीच चोरों की आहट पाकर मकान के नीचे के कमरे में सो रहा पवन का छोटा भाई श्यामू जाग गया। वह मकान के ऊपरी हिस्से में आया तो चोर छत से कूदकर भाग गए। श्यामू ने बंद कमरे की कुंडी खोलकर परिजनों को बाहर निकाला। परिजनों ने चोरी की पुलिस को सूचना दे दी।
आईएएस पवन को भी परिजनों ने चोरी हो जाने की सूचना रात में ही फोन से दे दी। पवन ने एस पी नितिन तिवारी को अपने आवास में चोरी हो जाने की सूचना दी। आईएएस के मकान में चोरी की जानकारी होते ही पुलिस में हड़कंप मच गया। सीओ सिटी आरके मिश्रा मौके पर आ गए। पुलिस ने परिजनों से भी चोरी के संबंध में जानकारी ली। परिजनों के बताए अनुसार पुलिस चोरी के शक में चार मजदूरों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है। पवन के छोटे भाई हृदेश कुमार सिंह ने चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी है।

Saturday, November 5, 2011

नहीं बंद होने दी जाएगी कालिंदी एक्सप्रेस

प्रति वर्ष सर्दियों में कालिंदी एक्सप्रेस के बंद होने से हर वर्ग को परेशानी उठानी पड़ती है। इस वर्ष भी कालिंदी एक्सप्रेस को बंद किए जाने की घोषणा से व्यापारियों और आम लोगों में आक्रोश है। इस समस्या को लेकर नगर के प्रबुद्धजनों ने चरणबद्ध आंदोलन छेड़ने का निर्णय लिया है। सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया कि आठ नवंबर को केंद्रीय रेलमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपकर आंदोलन की शुरूआत की जाएगी। आंदोलन के माध्यम से अन्य ट्रेनों के संचालन की भी पुरजोर मांग की जाएगी।
शुक्रवार को नगर के एक प्रतिष्ठान पर आयोजित वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता रामबाबू कुशवाह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की गई। कुशवाह ने कहा कि कानपुर से दिल्ली के मध्य चलने वाली एक मात्र कालिंदी एक्सप्रेस के बंद होने से जनपद के कारोबारियों को बड़ा झटका लगता है। जन सहयोग से एक चरणबद्ध आंदोलन छेड़कर कालिंदी के संचालन को अनवरत जारी रखने और शिकोहाबाद-फर्रूखाबाद रूट पर अन्य ट्रेनों का संचालन कराने की मांग की जाएगी। आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक जायज मांगें नहीं मानी जातीं।
बैठक में तय किया गया कि आंदोलन ‘कालिंदी बचाओ’ नारे को लेकर किया जाएगा। आठ नवंबर को पूर्वाह्न 11 बजे जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचकर केंद्रीय रेलमंत्री को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा जाएगा। इसके बाद रेलवे के उच्चाधिकारियों और क्षेत्रीय सांसद मुलायम सिंह यादव को फैक्स भेजकर कालिंदी का संचालन जारी रखने को सार्थक पहल करने की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई सार्थक परिणाम न आने पर नवंबर माह के तृतीय सप्ताह में रेलवे स्टेशन पर क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा। बैठक में राजपाल सिंह चौहान, राहुल राठौर, एके सिंह परमार, पंकज राठौर, अमित कुशवाह, प्रवीन भंसाली, पंकज गुप्ता आदि ने मौजूद थे।

Wednesday, March 2, 2011

अग्निकाण्ड ने खोली बचाव इंतजामों की पोल

मंगलवार को मैनपुरी नगर की नवीन गल्ला मंडी में अग्निकाण्ड के बाद बुधवार को सन्नाटा पसरा रहा। व्यापारियों में मायूसी दिखी तो विभिन्न दलों के नेताओं ने मंडी परिसर जाकर व्यापारियों को सांत्वना दी। पर अग्निकाण्ड के दौरान आग लगने से बचने के बचाव इंतजामों की पोल खुल गयी है।

मंगलवार को अग्निकाण्ड ने मंडी की 23 दुकानों को जलाकर राख कर दिया। इस अग्निकाण्ड में 58 लाख रुपये की सम्पत्ति का नुकसान होने की सूची जिला प्रशासन को सौंपी गई है। जिला प्रशासन इसकी तह में जाने की कोशिशों में जुट गया है। बुधवार को जो भी मंडी पहुंचा उसने अग्निकाण्ड के कारणों को जानने की कोशिश की। जिस सतनाम नामक व्यक्ति की दुकान से शार्ट सर्किट होने की बात कही जा रही है उस सतनाम ने दुकान में विद्युत कनेक्शन नहीं होने की बात कहकर शार्ट सर्किट की दावे को झुठला दिया है।

बडे़ अचरज की बात है कि नवीन मंडी में हर साल करोड़ों रुपए का कारोबार होता है लेकिन यहां मंडी प्रशासन ने अग्निकाण्ड से बचाव हेतु न के बराबर इंतजाम किये। यही वजह है कि जब आग लगने की सूचना पर आग बुझाने के प्रयास हुए तो मौके पर पानी तक उपलब्ध नहीं था। फायर बिग्रेड की गाड़ियों और व्यापारियों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। व्यापारियों में इस बात को लेकर आक्रोश बना हुआ है। दुकानदारों का कहना है कि आग लगने से जुडे़ सुरक्षा उपाय यदि पहले से होते तो अग्निकाण्ड में बड़ा नुकसान नहीं होता। कई दुकानदारों की लाखों रुपये की नकदी आग में जल गयी।  

अब सवाल यह पैदा होता है ... क्या मंडी प्रशासन और प्रशासन ... अब ऐसा दोबारा न होने पायें इस को सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे ! अगर हाँ ... तो कब तक ??

Saturday, February 19, 2011

कामकाज छोड़ टीवी से चिपके रहे क्रिकेट प्रेमी

शनिवार को विश्व कप क्रिकेट के शुरुआती मैच में भारत और बांग्लादेश के बीच टक्कर देखने के लिए क्रिकेट प्रेमी सारा कामकाज छोड़ टीवी से चिपके रहे। सरकारी कर्मचारी भी बहाने बनाकर मैच देखने के लिए दोपहर बाद ही अपने घरों पर पहुंच गए, जिससे दफ्तरों में सन्नाटा पसर गया।

शनिवार दोपहर 2 बजे ही घरों में काल बेल घनघना उठीं। पति देव को देख पत्‍ि‌नयां भी भौचक्की रह गयी। जैसे ही पति टीवी का रिमोट उठाकर मैच देखने बैठे तो पत्‍ि‌नयों को सारा माजरा समझ आ गया। हालांकि कई घरों में महिलाओं द्वारा सीरियल देखने को लेकर पतियों से तीखी नोंकझोंक भी हुई। वहीं वीक एंड के चलते भी सरकारी दफ्तरों में अधिकारी कर्मचारी दो बजते ही वहां से उठ लिये। दोपहर होते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर गया।
वहीं क्रिकेट प्रेमियों ने मैच शुरू होने से पहले नगर के मोहल्ला सोतियाना में हवन यज्ञ कर ईश्वर टीम इंडिया की जीत के लिए प्रार्थना की। हवन में शिवम सक्सेना, बबलू, सतेन्द्र सक्सेना, रजत सक्सेना, सत्यम सक्सेना, रोहित सक्सेना, ईशू सक्सेना, दीपक सक्सेना, विक्रम चन्द्र अधौलिया, राजेन्द्र प्रकाश सक्सेना, दीपू लाला, प्रणल सक्सेना, अभिषेक सक्सेना आदि उपस्थित थे।

वहीं नगर के लॉर्ड कृष्णा एजूकेशनल एकेडमी में ड्राइंग कॉम्पटीशन में जीतो इंडिया जीतो 2011 क्रिकेट व‌र्ल्डकप प्रतियोगिता आयोजित कर टीम इंडिया की जीत की दुआएं की गयी। विद्यालय के प्रबंधक डॉ. राकेश गुप्ता ने बच्चों को पुरस्कार वितरित किये। प्रधानाचार्य रॉकमन सक्सेना ने प्रतियोगिता समापन किया।

Friday, February 18, 2011

रेल बजट से मैनपुरी को कोई उम्मीद नहीं ...

मैनपुरी जिले में रेल सेवाओं के विस्तार का सपना कब हकीकत में बदलेगा, यह कहना अब मुमकिन नहीं लगता है। रेल बजट आने वाला है, मगर जनपद के लोगों को इससे हमेशा की तरह ज्यादा उम्मीद नहीं है।
अभी तक अलीगढ़ से कानपुर देहात के झींझक कस्बे तक नये ट्रैक की चर्चाऐं होती थीं। रेल मंत्रालय ने गजरौला से मैनपुरी तक लाइन सर्वे के आदेश भी दिये थे, लेकिन सर्वे का क्या हुआ किसी को पता नहीं हैं। चर्चा तो थी कि मैनपुरी में जंक्शन, कुरावली में स्टेशन और फिर किशनी की ओर भी रेल लाइन का बिछना जल्दी संभव हो जायेगा।
रेल मंत्रालय ने गजरौला से संभल, बदायूं और एटा होकर मैनपुरी तक रेल लाइन बिछाने के लिए हरी झण्डी दी थी। उत्तर रेलवे के मुख्य वाणिज्य प्रवन्धक बूटा सिंह ने एक पत्र भी उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को भेजा। इस पत्र के माध्यम से मुख्य सचिव को बताया गया कि नॉर्दर्न रेलवे के सर्वे आर्गनाइजेशन को प्रदेश में चार रेल लाइनों का सर्वे करके उसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट देने को कहा गया। इसी आशय का एक पत्र मैनपुरी के डीएम को भी भेजा गया।
पूर्व में रेलवे दिल्ली-कानपुर के बीच यातायात भार कम करने के लिए अलीगढ़ से एटा, मैनपुरी, किशनी, बिधूना होकर कानपुर देहात के झींझक तक रेल लाइन की जरूरत बता चुका है। गजरौला से मैनपुरी के बीच रेल लाइन का सर्वे इसी का संशोधित रूप माना जा रहा है। हालांकि जिले के जन प्रतिनिधियों ने भी कभी इस मामले को दमदारी से नहीं उठाया।

ऐसे में रेल मंत्री खुद ही कुछ करें इस जिले के लिए ... ऐसा लगता तो नहीं !

Monday, February 14, 2011

शाकाहार अपनायें, डायबटीज से मुक्ति पायें - डा. मनोज कुमार जैन

बदलती जीवन शैली और खान पान के कारण आज डायबटीज बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है। देश में 5 करोड़ व्यक्ति इसकी चपेट में हैं। ये मानसिक तनाव बढ़ती चर्बी और व्यायाम की कमी के कारण होती है। अगर हम अपने भोजन में एल्कालाइन युक्त शाकाहार खीरा, भिण्डी, प्याज, लहसुन, व हरी पत्तेदार सब्जीयां ले व खाने के बीच में 1/4 कप करेले का जूस ले तो रक्त तथा मूत्र शुगर लेवल कंट्रोल में आ जाता है।
उक्त विचार मैनपुरी आये हुए नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय शाकाहार शोध संस्थान विशेषज्ञ डा. मनोज कुमार जैन ने व्यक्त किये। डायविटीज रोग पर चर्चा करते हुऐ डा. जैन ने कहा कि ये मेटाबालिज्म से सम्बंधित है, इसमें काब्रोहाइड्रेड और ग्लूकोज का आक्सीकरण पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है। इसका मुख्य इंसुलिन की कमी है पैक्रियाज नाम का अंग इंसुलिन का सफ्राव करता है, जो ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित बनाये रखता है। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा कम या ज्यादा हो जाती है। अगर अपने भोजन में भीगा अनाज, सलाद व हरी पत्तेदार सब्जी, फल शाकाहारी भोजन ले तो इस रोग पर काबू पाया जा सकता है।
डा. जैन ने शाकाहार को कलयुग का अमृत बताते हुए कहा कि शाकाहारी भोजन सर्वोत्तम है। आज पश्चिमी देशों की जनता शाकाहार की ओर आकर्षित हो रही है। इसका प्रमुख कारण शाकाहार व स्वास्थ्य व पर्यावरण की सुरक्षा है साथ ही अनेक असाध्य व कष्टकारी रोगों कैंसर, एचआईवी, गठिया, अल्सर, बवासीर में लाभ दायक साबित हो रहा है। डब्लूएचओ ने 180 प्रकार की बीमारियों के नाम अपने समाचार पत्र में प्रकाशित किये है। जो मांसाहार से फैलाती है। इन बीमारियों से सोलियम नामक कीड़े से होती है। यह कीड़ा सुअर का मांस खाने से उत्पन्न होता है। सुअर की एक प्रजाति से एच1 एन1 वायरस संक्रमण से फैलने वाली स्वाइन फ्लू ने आज पूरे विश्व को आतंकित कर रखा है। इससे पूर्व बर्ड फ्लू मैड काउ जैसे रोगों ने भी पूरे विश्व में सनसनी फैला दी थी। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने भोजन में शाकाहार को वरीयता दे।

Monday, January 31, 2011

आखिर ये मंहगाई क्यों ?


कृषि प्रधान देश के इस छोटे से जनपद के किसान कृषि उत्पादन की दृष्टि से पिछडे़ नहीं हैं। सरकारी आंकडे़ तो यही बताते हैं। जिले में जिस तेजी से जनसंख्या का ग्राफ बढ़ा है, उतनी ही तेजी से कृषि उत्पादों में वृद्धि हुयी है। इस जनपद को लोग दुनिया में आलू, लहसुन की बम्पर पैदावार के लिये जानने लगे हैं, लेकिन किसानों की मेहनत पर जमाखोर पानी फेर रहे हैं। ये लोग खाद्यान्न का स्टॉक करके दाम ऊंचे करा देते हैं, जिससे जनता महंगाई की चक्की में पिस रही है।

वर्ष 2001 में जनपद की जनसंख्या 15 लाख 96 हजार 718 थी, जिसमें 19.30 प्रतिशत की वृद्धि हुयी बतायी जा रही है। यह वृद्धि इसलिये कोई खास मायने नहीं रखती है, क्योंकि पिछले 10 वर्षो में कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आये हैं। भले ही किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य न मिला हो, परंतु 10 वर्ष पहले 1 लाख 43 हजार हेक्टेयर भूमि पर गेहूं का उत्पादन होता था। अब 20 हजार हेक्टेयर का क्षेत्रफल तो बढ़ा ही है, पहले 22 से 25 कुंतल प्रति हेक्टेयर पैदावार बढ़कर 23 से 34 कुंतल प्रति हेक्टेयर हो गयी है। इसी तरह आलू का रकबा 12 हजार हेक्टेयर से बढ़कर 35 से 40 हजार हेक्टेयर हो गया है। पहले आलू का प्रति हेक्टेयर उत्पादन 150 से 180 कुंतल था, जो बढ़कर 290 कुंतल पहुंच गया है।

दूसरी ओर, आसमान चूमती महंगाई के चलते जो गेहूं दस वर्ष पहले 4 रुपये किलो बिकता था, अब 11 से 12 रुपये किलो बिक रहा है। आलू एक रुपये का दो किलो बिकता था, आज 4 से 5 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। सही मायने में डिमाण्ड ज्यादा और खपत कम होना महंगाई बढ़ने का कारण न होकर मुनाफाखोरों पर अंकुश न लगा पाना है। वह बाजार में कृत्रिम अभाव दिखाकर महंगाई को आसमान पर लटकाये रहते हैं, जिससे जनता पिस रही है।

दलहनी फसलों का उत्पादन हुआ कम

मैनपुरी जनपद में दलहन की पैदावार में भारी कमी आई है। अरहर, मूंग, उर्द की फसलें सिमटकर रह गई हैं। दस साल पहले अरहर और उर्द, मूंग की जनपद में बम्पर पैदावार होती थी, जो अब घटकर शून्य के करीब आ गयी है। दस वर्ष पहले सरकारी आंकड़ों के अनुसार प्रति व्यक्ति 72 ग्राम दाल प्रति दिन मिल जाती थी। अब वह घटकर 32 ग्राम ही रह गयी है। तिलहन और खाद्यान्न के मामले में जनपद आत्म निर्भर है।   
मूंगफली बनी वरदान

मैनपुरी जनपद में पिछले दस वर्षो में ग्रीष्मकालीन मूंगफली का नया रकबा विकसित हुआ है। इस समय 36 हजार हेक्टेयर में मूंगफली की खेती होती है। 26 कुंतल तक प्रति हेक्टेयर पैदावार देने वाली मूंगफली से जनपद के किसानों को 235 करोड़ रुपये का मुनाफा हो रहा है। रुपये की लागत में 2.30 पैसे का मुनाफा हो रहा है।

Thursday, January 27, 2011

जहरीली तो नहीं हो गई ईसन नदी ?

मैनपुरी: कभी शहर के लिए जीवनदायिनी समझी जाने वाली ईसन नदी अब जहरीली हो गई है। इसके पानी का जहरीलापन माना जाए या अन्य कारण, मगर इस नदी में अब कछुए, मछलियां जैसे जलजीव नजर नहीं आते। पेट भरने को विचरते पशु अपनी प्यास बुझाने के लिए इस नदी का पानी नहीं पीते।
कृषि योग्य भूमि हो या फिर प्राकृतिक जल स्रोत सभी के लिये पॉलीथिन खतरा साबित हो रही है। इस खतरे को खत्म करने के लिये सरकार ने भले ही कानून बना दिया है परंतु बिना जन सहयोग और प्रशासनिक अमले के पॉलीथिन पर प्रभावी रोक लगा पाना संभव नहीं है।
लोगों का कहना है कि पतित पावनी गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चलाये जा रहे गंगा बचाओ अभियान को सफलता तभी मिल सकती है जब निचले स्तर पर जनपदवार नदियों में बहने वाली पॉलीथिन को रोकने के बाजिव प्रयास किये जाएं। इस पर अब गहनता से विचार करने की जरूरत है। इन सबके साथ ही प्रदूषण जनित बीमारियां दिनोंदिन नये रूप में सामने आ रही हैं।
लोगों ने बताया कि जनपद से होकर बहने वाली ईसन नदी पौराणिक काल में इच्छुमती नदी के नाम से जानी जाती थी। आज इस ऐतिहासिक नदी की हालत सबसे दयनीय है। सारे शहर के पानी के साथ बहकर नदी में पहुंची पॉलीथिन से पानी जहरीला हो गया है। विदित हो कि पोलीथिन को समेटते हुए ईसन नदी कानपुर के पास यमुना में जाकर मिलती है और फिर यही गंदगी इलाहाबाद में गंगा में पहुंच जाती है।
हालात यह हैं कि अब जल में रहने वाले कछुये, मछलियां, केंकड़ा, मेढ़क जैसे जीव जल में नजर नहीं आते हैं। इसके अलावा नदी के पानी को आवारा जानवर भी नहीं पीते। रबी के मौसम में किसान नदी के पानी का सिंचाई के रूप में प्रयोग करते रहे हैं। इसके जल से फसलों पर प्रतिकूल असर न हो जाये इस वजह से किसानों ने सिंचाई करना बंद कर दिया है।
जिलाधिकारी सच्चिदानन्द दुबे ने बताया कि पॉलीथिन पर रोक लगाने संबंधी अभी तक कोई शासनादेश प्राप्त नहीं हुआ है। अगर शासन से इस तरह के दिशा निर्देश प्राप्त होते हैं तो उन पर कड़ाई से अमल किया जायेगा।

मजबूरी है पॉलीथिन प्रयोग

मैनपुरी: नगर पालिकाध्यक्ष आलोक गुप्ता ने कहा कि व्यापारियों को पॉलीथिन का प्रयोग करने का शौक नहीं है वह तो मजबूरी में अपना माल बेचने के लिये पॉलीथिन का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन का प्रयोग वाकई खतरनाक है। पॉलीथिन पर रोक के साथ उसके विकल्प की तलाश करनी चाहिये।

पॉलीथिन प्रयोग अत्यधिक खतरनाक: सीएमओ

मैनपुरी: मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनोद कुमार का कहना है कि पॉलीथिन का प्रयोग हर तरफ से खतरनाक है। कूडे़ में पहुंचने पर जानवर खा लें तो पचती नहीं है। खेतों की उर्वरा शक्ति घटती है। जलाने पर हानिकारक गैस निकलती है। नालों का पानी नदी में पहुंच कर नदी को प्रदूषित करता है। जिसकी वजह से जल जीव मरने लगते हैं।

(राकेश रागी की रपट) 

Wednesday, January 26, 2011

सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

नमस्कार, आज 26 जनवरी है, गणतंत्र दिवस। देश स्वतंत्र हो चुका है,पर तिरंगा झंडा फ़हराने को लेकर युद्ध जारी हैं। अपने राष्ट्रीय पर्व पर हमें अपने ही देश में तिरंगा फ़हराने पर चुनौतियाँ मिल रही है। कैसा दुर्भाग्य  है हमारा। काश्मीर से कन्याकुमारी एवं अटक से कटक तक जब देश हमारा है तो हम कहीं भी राष्ट्रीय ध्वज फ़हराने की पात्रता रखते हैं। इसमें राजनीति को आड़े नहीं आना चाहिए, उसे रोड़े नहीं अटकाना चाहिए। तिरंगा झंडा फ़हराने का विरोध करने वालों पर देशद्रोह के कानून के अंतर्गत कार्यवाही होनी चाहिए। राष्ट्र विरोधी ताकतों को प्रश्रय किसी भी हालात में नहीं देना चाहिए।  राष्ट्र की अस्मिता पर चोट करने वालों को बख्शना नहीं चाहिए। 

सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

Tuesday, January 25, 2011

कालिन्दी आंदोलन खत्म, ट्रेन 28 से चलेगी

कोहरे के कारण बंद की गई कालिंदी एक्सप्रेस अब 28 जनवरी से फिर से पटरी पर दौड़ने लगेगी। इस बात का लिखित आश्वासन मिलने के साथ ही इस गाड़ी के संचालन को लेकर पिछले आठ दिनों से चल रहा धरना सोमवार को समाप्त हो गया।
लोक समिति के बैनर तले चल रहा ये आंदोलन रविवार को आमरण अनशन में तब्दील हो गया था। आमरण अनशन शुरू होते ही रेलवे प्रशासन व जिला प्रशासन में खलबली मच गयी। सोमवार को एसडीएम सदर जयशंकर दुबे व सीओ सिटी अजीत कुमार सिन्हा आंदोलन स्थल पर पहुंचे। एसडीएम ने दूरभाष से डीआरएम इलाहाबाद से वार्ता की। उनके निर्देश पर स्टेशन अधीक्षक एसके सिंह ने लिखित आश्वासन दिया कि 28 जनवरी से कालिन्दी शुरू कर दी जायेगी। साथ ही अन्य मांगों में तकनीकी कारण से समय लगेगा।
समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुल्तान सिंह ने कहा कि यह आंदोलन रेल बजट आने तक के लिये स्थगित किया गया है। यदि उनकी अन्य मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो यह आंदोलन पुन: शुरू किया जायेगा।
आमरण अनशन धर्मेन्द्र चौहान को स्टेशन अधीक्षक ने एसडीएम, सीओ सिटी, आगरा से आये जीआरपी सीओ देवेश कुमार पाण्डेय की उपस्थिति में दूध पिलाकर खत्म कराया गया। इस अवसर पर विजेन्द्र सिंह, शिवओंकार बाल्मीकि, सुमित्र चौहान, रामऔतार वर्मा, संतोष पाल, सुरेन्द्र, सोनेलाल कुशवाहा, अजीत राठौर, विजय प्रताप भदौरिया, जगनंदन शर्मा, रवीन्द्र सिंह आदि लोग मौजूद थे।
इस दौरान समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, हिन्दू युवा वाहिनी, सिविल पेंशनर्स एवं अन्य दलों के पदाधिकारी भी क्रमिक अनशन के समर्थन में जुट गए। बाद में कांग्रेसी नेता धरना समाप्त कराने पहुंचे, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही आंदोलन समाप्त होने की घोषणा हो चुकी थी।

Monday, January 24, 2011

कानून की हिफाजत करना बहुत जरूरी :- जिला जज

सभी लोगों को कानून की जानकारी होना आवश्यक है, लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। अब वह समय बीत गया जब महिलायें घरों में दुख सहन करतीं रहतीं थीं, महिलाओं को बहुत से कानूनी अधिकार प्राप्त है। कानून की हिफाजत करना बहुत जरूरी है। बच्चों का भविष्य बनाने में टीचर्स की बहुत बड़ी भूमिका होती है। न्याय की हमेशा गरीब को आवश्यकता होती है, हमारा संविधान सबसे बड़ा संविधान है, जिसमें नागरिकों को मौलिक अधिकार प्राप्त है।
उक्त विचार जनपद न्यायाधीश विजय लक्ष्मी ने एसबीआरएल पब्लिक स्कूल में आयोजित वृहद विधिक साक्षरता शिविर में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विधिक अधिकारों एवं सेवाओं की जागरूकता के लिए विधिक साक्षरता शिविरों का आयोजन किया जाता है। परामर्श एवं सुलह समझौता केन्द्रों में संधिकर्ता द्वारा पारिवारिक विवादों को सुलह समझौते के आधार पर कराए जाने के प्रयास किए जाते है। लोक अदालत विवादों को समझौते के माध्यम से सुलझाने के लिए एक वैकल्पिक मंच है।
अपर जिला जज सीपी सिंह ने प्री लिटीगेशन पर जानकारी देते हुए बताया कि अभी जो विवाद न्यायालय के समक्ष नहीं आए है उन्हें प्री लिटीगेशन स्तर पर बिना मुकदमा दायर किए ही पक्षकारों की सहमति से प्रार्थनापत्र देकर लोक अदालत में फैला कराया जा सकता है। यदि पारिवारिक समझौता होता है तो उसकी भाषा पर ध्यान देना चाहिए, प्री लिटीगेशन द्वारा कराया गया समझौता डिग्री की तरह होता है।
अपर जिला जज एमपी सिंह ने प्रथम सूचना रिपोर्ट पर जानकारी देते हुए कहा संज्ञेय अपाराध में प्रथम सूचना रिपोर्ट थाने में कर सकते है, इसमें मुख्य एवं सही बातों को लिखा जाना चाहिए, यदि थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट नहीं लिखी जाती है तो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को रजिस्ट्री करनी चाहिए। यदि फिर भी एफआईआर नहीं लिखी जाती है तो संबंधित मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दे सकते है।
सत्येन्द्र कुमार सिंह अतिरिक्त सत्र एवं न्यायाधीश प्ली वारगेनिंग पर जानकारी देते हुए जो अपराधी बहुत समय से जेलों में बंद है वह इसका लाभ प्राप्त करते है परंतु इसके अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक मामले नही लाए जा सकते है।
इस इस अवसर पर बार एसोसिएशन के सचिव अजय कृष्ण पाण्डे ने कहा कि समाज में कानून का दुरुपयोग न होने दे तभी अच्छे समाज की कल्पना की जा सकती है।
कार्यक्रम में सिविल जज विधिक साक्षरता शिविर अरुण कुमार मल्ल ने भी साक्षरता शिविरों एवं लोक अदालतों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेन्द्र राव सिविल जज ने किया। इस अवसर पर न्यायिक मजिस्ट्रेट, विद्यालय के प्रधानाचार्य ए.के. जैन, स्कूल के बच्चे आदि उपस्थित थे।

Saturday, January 22, 2011

10 साल में खामोश हो गई मैनपुरी की 52 धान मील

एक वक़्त था जब कदम-कदम पर स्थापित धान मिलें न केवल धान उत्पादन की कहानी कहतीं थीं, बल्कि उद्योग क्षेत्र में मैनपुरी की मजबूत स्थिति का अहसास भी कराती थीं। मगर सरकारी तंत्र की मनमानी और अनदेखी ने मैनपुरी के इस परम्परागत उद्योग को तबाही के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। पिछले 10 साल में 52 धान मिलें खामोश हो गईं। आंखें अब भी नहीं खुली हैं।
सरकारी धान खरीद की ही बात करें तो वर्ष 2010-11 में 5 हजार टन धान खरीदने का लक्ष्य था। अब तक 1918 टन ही खरीदा जा सका है। खाद्य निगम को 3500 टन धान खरीदना था। उसने अभी तक 1584 टन ही खरीदा है, जबकि पीसीएफ को 1 हजार टन धान खरीदने का लक्ष्य मिला था उसने मात्र 143 टन ही धान की खरीद की है। यूपीएसएस को 250 टन का लक्ष्य मिला था उसने 90 टन तथा यूपी स्टेट एग्रो को 250 टन धान खरीदना था उसने 125 टन धान की खरीद की है। केन्द्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य का लाभ मात्र 325 किसानों को ही मिला है। मंडी में इस समय सूखा धान 775 से 800 रुपये कुंतल बिक रहा है। जबकि सरकार ने 1 हजार रुपये कुंतल समर्थन मूल्य घोषित किया है जो कागजों पर सिमट कर रह गया है। किसान मजबूर होकर मंडी में अपना धान समर्थन मूल्य से 200 से 250 रुपये कम में बेच रहा है।
जिले में चावल की बात हो और किसानों के साथ व्यापारी को न जोड़ा जाये तो अन्याय ही होगा। जिस तरह से किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल रहा है उसी तरह से धान मिल मालिकों को सरकार से मदद न मिलने की वजह से पूरा धान उद्योग ही चौपट हो रहा है। 66 धान मिलों में से इस समय 52 धान मिलें बंद हैं। धान की नगरी को लगी सरकार नजर से किसान मजदूर और व्यापारी तीनों परेशान हैं।

मानकों के अनुरूप नहीं है धान

मैनपुरी: जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी राम सिंह का कहना है कि धान की खरीद जारी है। अभी धान मानक के अनुरूप नहीं आ रहा है। कुल आवक का 10 प्रतिशत धान ही मानक के अनुरूप आ रहा है। अब नमी अधिक होने की समस्या नहीं है अब तो क्षतिग्रस्त, संकुचित, बदरंग दानों की मात्रा अधिक है। जिसकी वजह से खरीद में समस्या आ रही है।

प्रशासन ही बेकदरी का जिम्मेदार

मैनपुरी: उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष वोट सिंह यादव का कहना है कि खाद्य निगम के अधिकारी किसानों और मिल के मालिकों की बदहाली के जिम्मेदार है। वे मैनपुरी जनपद के चावल को पास ही नहीं होने देते हैं। अगर पास हो भी गया तो उसका भुगतान महीनों लटकाये रहते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की नीति के मुताबिक कुल बनाये गये चावल का 65 प्रतिशत मिल मालिकों को सरकार को देना होगा तब वह 35 बच्चे चावल को बाजार में बेचने देगी। अब तो वह 65 प्रतिशत चावल न तो खरीद रही है नहीं 35 प्रतिशत को बाजार में बेचने दे रही है। जिसकी वजह से मिल मालिक तबाह हो गये हैं। कई लोगों के मिल नीलाम हो गये परंतु सरकार ने अपने रवैये में बदलाव नहीं किया।

( मैनपुरी से राकेश रागी की रपट )

Friday, January 21, 2011

ऐसे कैसे मिलेंगे कंप्यूटर इंजीनियर ??

कक्षा छह से 12 तक के विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा देने की योजना अधिकारियों की उदासीनता के चलते परवान नहीं चढ़ पा रही है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने योजना की समीक्षा करते हुए उसमें सुधार के तमाम निर्देश दिये हैं।
भारत सरकार की आईसीटी योजना में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत जिले के राजकीय एवं सहायता प्राप्त कुल 31 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है, लेकिन कई विद्यालयों में कम्प्यूटर योजना प्रभारियों एवं अनुदेशकों की उदासीनता के इस योजना के कदम लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही लड़खड़ाने लगे हैं। किसी विद्यालय में जनरेटर सुविधा नहीं है तो कहीं गैस किट की समस्या है।
कस्बों में बिजली आपूर्ति न के बराबर होती है। इन कमियों के चलते कम्प्यूटर शिक्षा कार्य सुचारू नहीं हो पा रहा है। वहीं कम्प्यूटर अनुदेशक भी मौज कर रहे हैं। जबकि आईसीटी के अन्तर्गत 48 घंटों के अंदर कम्प्यूटर संबंधी समस्या को सुलझा कर बच्चों को कम्प्यूटर शिक्षा देना अनिवार्य है।
जबकि हकीकत में कई विद्यालयों में हफ्तों कम्प्यूटर खराब पड़े रहते हैं। शिकायतें मिलने पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने कई बार योजना प्रभारियों को सख्त हिदायत भी दी थी। गुरुवार को इन कार्यों की समीक्षा के लिए सम्बंधित प्रधानाचायरें और योजना प्रभारियों एवं कम्प्यूटर अनुदेशकों की बैठक में जिला विद्यालय निरीक्षक कामताराम पाल ने योजना सम्बंधी जानकारी ली।
उन्होंने कहा यदि कोई भी समस्या आती है तो वह योजना के जिला समन्वयक को लिखित या ईमेल द्वारा अवगत कराएं। उन्होंने गैस आपूर्ति के लिए भी निर्देश दिये ताकि कम्प्यूटर शिक्षा किसी भी प्रकार बाधित न हो। इसके अतिरिक्त जिन विद्यालयों में अभी तक इंटरनेट नहीं लगा है वहां तत्काल इंटरनेट लगवाएं।
बैठक में योजना के जिला समन्वयक रघुराज सिंह पाल, आईसीटी योजना के जोनल कार्डीनेटर राकेश अग्निहोत्री, प्रधानाचार्य एके सिंह राठौर, करुणेश जौहरी, अरविन्द जैन, मान कुमारी राठौर, जेसी त्रिपाठी, अनीता तालवाड़, ललिता कपूर, ओमवती गौर, नरसिंह यादव, राधेश्याम यादव, केदार यादव, आरके दुबे, पटल सहायक वरिष्ठ लिपिक जगदीश बाबू एवं अन्य प्रधानाचार्य और कम्प्यूटर अनुदेशक उपस्थित थे।

Wednesday, January 19, 2011

बस आपका साथ चाहिए !

मैनपुरी के लोगो का अपना मंच जो उनकी आवाज़ को उन कानो तक पहुँचाने की कोशिश करेगा ... जहाँ उसे जाना चाहिए !

बस आपका साथ चाहिए !


तो है न आप ... हमारे साथ ??

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