शाकाहार अपनायें, डायबटीज से मुक्ति पायें - डा. मनोज कुमार जैन
बदलती जीवन शैली और खान पान के कारण आज डायबटीज बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है। देश में 5 करोड़ व्यक्ति इसकी चपेट में हैं। ये मानसिक तनाव बढ़ती चर्बी और व्यायाम की कमी के कारण होती है। अगर हम अपने भोजन में एल्कालाइन युक्त शाकाहार खीरा, भिण्डी, प्याज, लहसुन, व हरी पत्तेदार सब्जीयां ले व खाने के बीच में 1/4 कप करेले का जूस ले तो रक्त तथा मूत्र शुगर लेवल कंट्रोल में आ जाता है।
उक्त विचार मैनपुरी आये हुए नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय शाकाहार शोध संस्थान विशेषज्ञ डा. मनोज कुमार जैन ने व्यक्त किये। डायविटीज रोग पर चर्चा करते हुऐ डा. जैन ने कहा कि ये मेटाबालिज्म से सम्बंधित है, इसमें काब्रोहाइड्रेड और ग्लूकोज का आक्सीकरण पूर्ण रूप से नहीं हो पाता है। इसका मुख्य इंसुलिन की कमी है पैक्रियाज नाम का अंग इंसुलिन का सफ्राव करता है, जो ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित बनाये रखता है। रक्त में ग्लूकोज की मात्रा कम या ज्यादा हो जाती है। अगर अपने भोजन में भीगा अनाज, सलाद व हरी पत्तेदार सब्जी, फल शाकाहारी भोजन ले तो इस रोग पर काबू पाया जा सकता है।
डा. जैन ने शाकाहार को कलयुग का अमृत बताते हुए कहा कि शाकाहारी भोजन सर्वोत्तम है। आज पश्चिमी देशों की जनता शाकाहार की ओर आकर्षित हो रही है। इसका प्रमुख कारण शाकाहार व स्वास्थ्य व पर्यावरण की सुरक्षा है साथ ही अनेक असाध्य व कष्टकारी रोगों कैंसर, एचआईवी, गठिया, अल्सर, बवासीर में लाभ दायक साबित हो रहा है। डब्लूएचओ ने 180 प्रकार की बीमारियों के नाम अपने समाचार पत्र में प्रकाशित किये है। जो मांसाहार से फैलाती है। इन बीमारियों से सोलियम नामक कीड़े से होती है। यह कीड़ा सुअर का मांस खाने से उत्पन्न होता है। सुअर की एक प्रजाति से एच1 एन1 वायरस संक्रमण से फैलने वाली स्वाइन फ्लू ने आज पूरे विश्व को आतंकित कर रखा है। इससे पूर्व बर्ड फ्लू मैड काउ जैसे रोगों ने भी पूरे विश्व में सनसनी फैला दी थी। आज आवश्यकता इस बात की है कि हम अपने भोजन में शाकाहार को वरीयता दे।
4 comments:
शिवम भाई, बहुत ही उपयोगी जानकारी प्रदान की आपने। आभार।
---------
अंतरिक्ष में वैलेंटाइन डे।
अंधविश्वास:महिलाएं बदनाम क्यों हैं?
उपयोगी जानकारी के लिए आभार |
आशा
सही है। तनाव आदि को रोकना उतना आसान नहीं है मगर शाकाहार को स्वीकारना तो सहज है ही।
मिश्र जी ! मधुमेह तो एक वैश्विक व्याधि हो गयी है. मैं आपका ध्यान मैनपुरी तमाखू की और खींचना चाहूंगा. विश्व में मुंह के कैंसर के सर्वाधिक रोगी भारत में हैं जिसकी राजधानी मैनपुरी है. आज का गुटखा मैनपुरी तमाखू का ही और भी घटिया रूप है. एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, छिबरामऊ, गुरसहायगंज, बेबर,शाहजहांपुर,कन्नौज, कानपुर आदि स्थानों में खुल कर इस ज़हर की बिक्री मैं बचपन से देखता आ रहा हूँ. यदि आप जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को इसे न खाने के लिए प्रेरित कर सकें तो समाज का बड़ा उपकार करेंगे . कम से कम नयी पीढी को तो यह सब खाने से रोका जा सकता है. आप स्कूलों और कोलेजेज से इसकी शुरुआत कर सकते हैं.
Post a Comment