Wednesday, March 2, 2011

अग्निकाण्ड ने खोली बचाव इंतजामों की पोल

मंगलवार को मैनपुरी नगर की नवीन गल्ला मंडी में अग्निकाण्ड के बाद बुधवार को सन्नाटा पसरा रहा। व्यापारियों में मायूसी दिखी तो विभिन्न दलों के नेताओं ने मंडी परिसर जाकर व्यापारियों को सांत्वना दी। पर अग्निकाण्ड के दौरान आग लगने से बचने के बचाव इंतजामों की पोल खुल गयी है।

मंगलवार को अग्निकाण्ड ने मंडी की 23 दुकानों को जलाकर राख कर दिया। इस अग्निकाण्ड में 58 लाख रुपये की सम्पत्ति का नुकसान होने की सूची जिला प्रशासन को सौंपी गई है। जिला प्रशासन इसकी तह में जाने की कोशिशों में जुट गया है। बुधवार को जो भी मंडी पहुंचा उसने अग्निकाण्ड के कारणों को जानने की कोशिश की। जिस सतनाम नामक व्यक्ति की दुकान से शार्ट सर्किट होने की बात कही जा रही है उस सतनाम ने दुकान में विद्युत कनेक्शन नहीं होने की बात कहकर शार्ट सर्किट की दावे को झुठला दिया है।

बडे़ अचरज की बात है कि नवीन मंडी में हर साल करोड़ों रुपए का कारोबार होता है लेकिन यहां मंडी प्रशासन ने अग्निकाण्ड से बचाव हेतु न के बराबर इंतजाम किये। यही वजह है कि जब आग लगने की सूचना पर आग बुझाने के प्रयास हुए तो मौके पर पानी तक उपलब्ध नहीं था। फायर बिग्रेड की गाड़ियों और व्यापारियों ने बमुश्किल आग पर काबू पाया। व्यापारियों में इस बात को लेकर आक्रोश बना हुआ है। दुकानदारों का कहना है कि आग लगने से जुडे़ सुरक्षा उपाय यदि पहले से होते तो अग्निकाण्ड में बड़ा नुकसान नहीं होता। कई दुकानदारों की लाखों रुपये की नकदी आग में जल गयी।  

अब सवाल यह पैदा होता है ... क्या मंडी प्रशासन और प्रशासन ... अब ऐसा दोबारा न होने पायें इस को सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएंगे ! अगर हाँ ... तो कब तक ??

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